उत्तरांचल विश्वविद्यालय के उत्तरांचल प्रबंधन संस्थान के साहित्यिक क्लब द्वारा 12 सितम्बर 2025 को स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम में “रंगमंच – अभिव्यक्ति की कला” शीर्षक से नाट्य प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को उनकी रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और साहित्यिक दृष्टिकोण को मंच प्रदान करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों और निर्णायक मंडल के स्वागत के साथ हुई। निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रदीप सूरी ने श्रीमती अनुराधा जोशी, उपाध्यक्ष, सुशीला देवी व्यावसायिक अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र, तथा निर्णायक प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार दीक्षित को स्मृति-स्वरूप पौधा भेंट कर अभिनंदित किया। दीप प्रज्वलन और विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ समारोह का औपचारिक शुभारंभ हुआ।
स्वागत उद्बोधन में निदेशक महोदय ने कहा कि हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है, किंतु इस वर्ष रविवार होने के कारण इसे 12 सितम्बर को मनाया गया। उन्होंने हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में संवाद करते हैं। भाषा चाहे अंग्रेज़ी हो या हिंदी, वह केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है; हिंदी हमारी पहचान है और हिंदी से ही भारत महान है।
नाट्य प्रतियोगिता में कुल छह प्रस्तुतियाँ हुईं। इनमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की कठिनाइयों, श्रीराम-सीता विवाह प्रसंग तथा भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर आधारित नाटकों को विशेष रूप से सराहा गया। अन्य प्रस्तुतियों ने भी सामाजिक सरोकारों और सांस्कृतिक मूल्यों को प्रभावी ढंग से मंच पर प्रस्तुत किया।
निर्णायक प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार दीक्षित ने परिणामों की घोषणा की। पुरस्कार वितरण श्रीमती अनुराधा जोशी एवं प्रो. (डॉ.) दीक्षित द्वारा किया गया, जिसमें टीम दुर्गे प्रथम स्थान, टीम मुखौटा द्वितीय स्थान तथा टीम देवालय तृतीय स्थान पर रहीं। इसके अतिरिक्त, उत्तरांचल स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के छात्रों की प्रस्तुति और छात्र आर्यन कुमार का काव्य-पाठ पूरे कार्यक्रम का विशेष आकर्षण बना।
अंत में सहायक प्राध्यापक एवं साहित्यिक क्लब सदस्य श्री मनीष घलवान ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का गरिमामय समापन हुआ।